Monday, January 14, 2008

राष्ट्रीय (?) कवि सम्मेलन

जैसा कि आपलोगों को मालूम होगा हिन्दी अकादमी हर साल पंद्रह अगस्त और छब्बीस जनवरी के पहले दिल्ली में विशाल कवि सम्मेलन का आयोजन करती है। पिछले पांच साल से मैं भी इन कवि सम्मेलनों का गवाह बना लेकिन यह बात मेरी समझ में नही आयी कि ये 'राष्ट्रीय' कवि सम्मेलन कैसे हैं?

क्या सिर्फ अलग अलग क्षेत्र के कवियों का प्रतिनिधित्व ही कवि सम्मेलन को राष्ट्रीय बना देता है? क्या दिल्ली भर के श्रोताओं का इकट्ठा हो जाना कार्यक्रम को राष्ट्रीय कहने के लिए काफी है? या देश की राजधानी होने के कारण 'राष्ट्रीय' शब्द दिल्ली की बपौती है?

कविता-कहानी से अलग चलें तो शायद ऐसा नहीं है। राष्ट्रीय खेल असाम में, पुणे में, राष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस हैदराबाद में, अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रम देश के अलग हिस्सों में हो सकते हैं तो ऐसी क्या मजबूरी है कि 'राष्ट्रीय कवि सम्मेलन' दिल्ली में ही हो?
क्या हिन्दी अकादमी इस प्रश्न पर विचार करेगी? खैर वह विचारे या न विचारे, आप का क्या कहना है?.....

1 comment:

राजेश चेतन said...

आप ने ठीक लिखा है । दिल्ली का मतलब देश नही होता । साधुवाद