Thursday, October 25, 2007

विश्वविद्यालय की पहचान


कुछ दिन पहले मेरा एक मित्र दिल्ली आया। वह कलिंग विश्वविद्यालय का छात्र है। दिल्ली पहली बार आने के कारण दिल्ली विश्वविद्यालय देखने की इच्छा हुई।
हम दोनों पैदल ही विश्वविद्यालय परिसर में चल रहे थे। डुसू कार्यालय के सामने एक बडे पोस्टर पर कुछ मुस्कुराते चेहरों को देखकर वह पूछ बैठा ये कौन हैं?
मैं कुछ कहता या वह खुद के दिमाग से कुछ सोचता या नजर ऊपर नीचे जाती इसके पहले उसके चंचल मन ने एक और सवाल दाग दिया - "कहीं ये आईएएस जैसी परीक्षाओं में सफल प्रतियोगी तो नहीं?

"अरे नहीं" जब तक मैं यह जबाव दे पाता खुद उसकी नजर पोस्टर के सबसे उपरी हिस्से में गयी जहाँ मोटे अक्षरों में लिखा था- छात्रसंघ चुनाव में ऐतिहासिक जीत दिलाले के लिए बधाईयाँ। नीचे की कतार कुछ नवोदित छात्रनेताओ के नाम लिखे थे। विश्विद्यालय परिसर आने जाने वाले लोग सहज इस स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं।

मित्र ने पूछा "क्या यही दिली विश्वविद्यालय की सबसे बड़ी पहचान है?"

मैं मुस्कराया, फिर मुझे लगा कि दोस्त ठीक ही पूछ रहा है। हालांकि आगे चल कर उसे फिर एक बार आश्चर्य हुआ क्योंकि पोस्टरों से ढंके वाल ऑफ़ डेमोक्रेसी पर सबसे ऊपर लिखा था 'प्लीज स्टिक बिल हेयर'। वह बोला अब तक तो पोस्टर चिपकाने से रोकते देखा था, यहाँ चिपकाने को क्यों कहा गया है।
वह दिवि के इस लोकतांत्रिक कायदे से अनभिज्ञ था। चुनावों के समय की पूरी जानकारी पाकर उसकी जिज्ञासा कुछ शांत हुई।
इसके बाद कई और प्रश्नों और उत्तर का सिलसिला चलता रहा लेकिन दिवि की पहचान पर उठाया गया उसका सवाल आज भी मेरे जेहन में कौंध रहा है। और आज भी बार बार मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या विद्या अर्जन कर शिखर पाने वाले लोग भी विश्वविद्यालय की पहचान बन पाएंगे या इन नेताओं के बराबर शोहरत पाएंगे?
आप का क्या कहना है?

Tuesday, October 9, 2007

16 वां साल लगा नेट को

दुनिया को एक कंप्यूटर में समेट देने वाला इंटरनेट अपनी उम्र के 16वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। इस अवधि में दुनियाभर में नौ करोड़ से ज्यादा वेबसाइटें बन चुकी हैं जिन पर रोजाना करोड़ों लोग सर्फिंग करते हैं। इसके बिना सूचना क्रांति की कल्पना नहीं की जा सकती है। पेश है इंटरनेट के इस सफर से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां :-
16 अगस्त, 1991
टिम बर्नर्स-ली ने वेब सॉफ्टवेयर लाँच किया। आल्ट , हायपरटेक्स्ट न्यूज ग्रुप पर वर्ल्ड वाइड वेब प्रोजेक्ट पेश किया। बर्नर्स-ली के प्रोजेक्ट के कारण हायपरटेक्स्ट और नेट का मिलान हो गया।
मई 1993
मैसासूचेट्स इंस्टीटयूट टेक्नालॉजी ने पहला वेब न्यूज पेपर द टेक लॉच किया।

जून 1993
वेब पेज बनाने के लिए प्रोग्रामिंग लैंग्वेज 'एचटीएमएल' लाँच।

फरवरी 1994
येट अनादर हायआर्चिकल ऑफिशियस ओरेकल (याहू) की नींव रखी गई।

13 अक्टूबर 1994

इस दिन नेटस्केप ब्राउजर लांच किया गया।


25 अक्टूबर, 1994

एटीएंडटी ने जिमा नाम के ड्रिंक का वेबसाइट पर पहला विज्ञापन दिया।

फरवरी 1995
रेडियो एचके पहला पूर्णकालिक वेब रेडियो स्टेशन बना।

1 जुलाई 1995
पहला ऑनलाइन बुकस्टोर अमेजन डॉट कॉम लाँच।

9 अगस्त 1995
डॉट कॉम बूम से स्टाक मार्केट में उछाल। नेटस्टेक नासडैक के इतिहास में तीसरा सबसे बड़ा आईपीओ।

24 अगस्त 1995
माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज इंटरनेट एक्सप्लोरर लॉच किया।

4 सितंबर 1995
इस दिन ऑनलाइन नीलामी साइट ई बे स्थापित।

15 दिसंबर 1995
पहला बहुभाषी इंटरनेट सर्च इंजिन अल्टा-विस्टा लांच

4 जुलाई 1995
अमेरिका के स्वतंत्रता दिवस पर हॉटमेल लाँच।

17 दिसंबर 1997
वेब कमेंटेटर जोर्न बर्गर ने वेबलॉग रचा , जिसे हम आज ब्लाग के नाम से जानते हैं।

सितंबर 1998
गूगल ने कैलिफोर्निया के एक गैरेज में अपना पहला ऑफिस खोला।

19 अक्टूबर 1998
इस दिन ओपन डायरी पहला ब्लाग जारी किया गया।

मई 1999
इस माह बोस्टन के एक छात्र शॉन फैनिंग ने नेपस्टर की स्थापना कर परचम लहराया। नेपस्टर में दोस्त आपस में फाइलों को साझा कर सकते थे।

अगस्त 1999
मल्टीप्लेयर ऑनलाइन गेम एवरक्वेस्ट लाँच।

अगस्त १९९९
फाइलों की शेयरिंग के लिए माय स्पेस वेबसाइट लांच.
10 जनवरी 2000
एओएल ने टाइम वार्नर को 75 अरब रूपये में खरीदा।
7-9 फरवरी 2000
याहू , सीएनएन, अमेजन सहित 8 वेबसाइट हैकरों के हत्थे चढ़ गई।
अगस्त 2000
ऑनलाइन वेबसाइट्स की संख्या 2 करोड़ के पार हुई।
जनवरी 2001
पहली बार पोडकास्टिंग का इस्तेमाल किया गया।

15 जनवरी 2001
ऑनलाइन एनसाक्लोपीडिया

4 सितंबर 2001
गूगल का सर्च इंजिन में इस्तेमाल। इसके पेज रैंक एलागोरिदम के लिए पेटेंट मिला।

नवंबर 2001
पोप जॉन पॉल द्वितीय ने अपने दफ्तर में लैपटॉप से पहली ई-मेल भेजी।
अप्रैल 2003
एप्पल की म्यूजिक डाउनलोड सुविधा आईटयून्स लॉच।

5 फरवरी 2004
जेनेट जैकसन की शर्ट एक प्रोग्राम में अकस्मात खुल जाना वेब इतिहास का सबसे ज्यादा सर्च विषय बना।
जुलाई 2004
वेब के जनक टिम बर्नर्स ली को सर की उपाधि मिली

19 अगस्त 2004
गूगल ने शेयरों की बिक्री लगभग चार हजार रूपये प्रति शेयर के भाव से की। डेढ़ वर्ष बाद प्रति शेयर भाव 19 हजार रूपये तक पहुंच गया।
नवंबर 2004
मोजिल्ला फायरफॉक्स वेब ब्राउजर लाँच किया गया।

फरवरी 2005
वीडियो साझा करने वाली पहली वेबसाइट्स 'यूटयूब्स डॉटकॉम' लाँच की गई।

अक्टूबर 2005
अकेले एक वर्ष 2005 में सबसे ज्यादा 1.7 करोड़ नई वेबसाइट्स लाँच।
12 अप्रैल 2006
गूगल ने अपनी सीमित चीनी सेवा गू गे लांच की।

1 अगस्त 2006
इस दिन तक करीब 92,615,362 वेबसाइट पूरी दुनिया में लॉन्च हो चुकी है।
(मीडिया विमर्श से साभार)